हाल ही में बादल फटने के बाद उत्तर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश को अचानक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मृतकों की संख्या अब 91 तक पहुंच गई है।
अधिकारियों ने आगे बताया कि मरने वालों में से 55 लोग अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं शामिल हैं, जबकि 36 अन्य संबंधित सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान खो बैठे।
दक्षिण एशिया में मानसून का मौसम आमतौर पर जून से सितंबर तक रहता है। और इस अवधि के दौरान कई राज्यों को बाढ़ का खतरा भी रहता है।
हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य, जो हिमालय पपर्वत श्रृंखलाओं पर स्थित है, इस अवधि के दौरान अचानक वर्षा और भूस्खलन के अतिरिक्त जोखिम का सामना करना पड़ता है।
इस साल, मध्य जून से हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हुई है, जिससे कई बार बादल फटने और अचानक बाढ़ आने की घटनाएँ हुई हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में राहत कार्य जारी हैं।