रॉयटर्स द्वारा देखे गए भारतीय सीमा शुल्क आंकड़ों के अनुसार, एक भारतीय फर्म आइडियल डेटोनेटर प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर में सैन्य उपयोग के लिए 1.4 मिलियन डॉलर मूल्य का एक विस्फोटक यौगिक रूस भेजा था।
HMX या ऑक्टोजेन नामक यौगिक प्राप्त करने वाली सूचीबद्ध रूसी कंपनियों में से एक विस्फोटक निर्माता प्रोमसिनटेज़ है, जिसके बारे में यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि इस कंपनी का देश की सेना से संबंध है।
रॉयटर्स ने यह भी दावा किया कि शिपमेंट के बारे में जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी ने उसे बताया कि इस विस्फोटक के कुछ सीमित नागरिक उपयोग भी हैं, इसके अलावा इसके बेहतर ज्ञात सैन्य उपयोग हैं।
अभी तक न तो भारतीय या रूसी विदेश मंत्रालयों, और न ही लेनदेन में शामिल कंपनियों ने इन दावों के बारे में कोई बयान दिया है।
पिछले साल सितंबर में भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसी तरह के आरोपों के जवाब में एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि, “सैन्य और दोहरे इस्तेमाल की वस्तुओं के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का अनुपालन करने में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग है। भारत अपना सैन्य निर्यात हथियारों के अप्रसार पर तय अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और अपने मज़बूत क़ानूनी और नियामक ढांचे को ध्यान में रख कर करता है, इसमें संबंधित मानदंडों का समग्र मूल्यांकन, अंतिम उपयोगकर्ता का दायित्व और प्रमाणपत्र भी शामिल हैं।'“
हाल के दिनों में राष्ट्रपति ट्रम्प, अमेरिकी सीनेटरों और नाटो प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से रूसी तेल खरीदने वाले देशों को परिणामों की चेतावनी दी है
रूस के साथ लंबे समय से भरोसेमंद साझेदारी रखने वाले भारत ने अब तक रूसी तेल खरीदना बंद करने से इनकार कर दिया है। तेल मंत्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूसी आयात पर प्रतिबंध भारत से भी तेल प्राप्त किया जा सकता है