जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने बुधवार को नई दिल्ली की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना कर 31 अरब यूरो करने की दिशा में भारत के खुलेपन का स्वागत किया।
वाडेफुल ने अपने भारतीय समकक्ष सुब्रह्मण्यम जयशंकर को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि आप भी मेरी तरह ही संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं।"
जर्मन मंत्री ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता आने वाले महीनों में हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, "अगर दूसरे देश व्यापार में बाधाएँ खड़ी करते हैं, तो हमें उन्हें कम करके जवाब देना चाहिए।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बढ़ती भारत-जर्मनी रक्षा साझेदारी हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग में वृद्धि का कारण बनी है।
उन्होंने कहा कि जर्मनी ने पिछले साल 'तरंग शक्ति' हवाई अभ्यास में भाग लिया था और उसके जहाज गोवा बंदरगाह पर रुके थे व, “आज, हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि इस तरह की भागीदारी जारी रहनी चाहिए, बल्कि इसका विस्तार भी होना चाहिए। अतीत में, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में निर्यात नियंत्रण संबंधी गंभीर कठिनाइयाँ रही हैं।”
जयशंकर ने अपने जर्मन समकक्ष के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि टैरिफ कम करना तथा व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के अन्य तरीके ढूंढना उनके पारस्परिक हित में है।
वेडफुल की यह यात्रा अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करने के कुछ दिनों बाद हो रही है।
अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25% का अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाया है। वाशिंगटन इसे यूक्रेन में मास्को के युद्ध प्रयासों के वित्तपोषण के रूप में देख रहा है।
यह शुल्क जुलाई में घोषित शुरुआती 25% टैरिफ के अतिरिक्त है।
भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि रूस से तेल खरीद को लेकर यूरोपीय संघ द्वारा उसे अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि यूक्रेन में युद्ध के बावजूद दोनों देश मास्को के साथ व्यापक रूप से व्यापार करते हैं।