मंगलवार को अधिकारियों के अनुसार, भारतीय और थाई सेना की टुकड़ियां मेघालय में दो सप्ताह के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग ले रही हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित है।
2006 में शुरू किया गया अभ्यास मैत्री भारत और थाईलैंड के बीच महत्वपूर्ण संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यासों में से एक है।
यह द्विपक्षीय अभ्यास दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य-से-सैन्य आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा है और इसका उद्देश्य भारतीय सेना और रॉयल थाई सेना के बीच सहयोग, अंतर-संचालन और आपसी समझ को बढ़ाना है।
अभ्यास का 13वां संस्करण थाईलैंड के टाक प्रांत के फोर्ट वाचिराप्राकन में आयोजित किया गया था।
संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होगा। दो सप्ताह के इस कार्यक्रम में सामरिक अभ्यास, संयुक्त योजना, विशेष शस्त्र कौशल, शारीरिक फिटनेस और छापेमारी अभियान शामिल हैं।
अभ्यास का समापन 48 घंटे के सत्यापन अभ्यास के साथ होगा, जिसमें यथार्थवादी परिचालन परिदृश्यों का अनुकरण किया जाएगा।
भारतीय सेना की 120 कर्मियों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है। रॉयल थाई सेना की 53 कर्मियों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व 14वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड की पहली इन्फैंट्री बटालियन कर रही है।